संत श्री नामदेवजी महाराज के साथ घटी घटना "मन्दिर के द्वार का घूम जाना" वाला स्थल - "ठाकुर जगमोहनजी (कृष्ण) का मन्दिर, बारसा" वाया - मारवाड़ जंक्शन, जिला - पाली मारवाड़, राजस्थान ।
यह स्थान उत्तर - पश्चिम रेल मार्ग पर मारवाड़ जंक्शन स्टेशन से पश्चिम-दक्षिण दिशा की ओर सड़क मार्ग पर 9 किमी दूर बारसा में है. जहाँ संत नामदेव, ज्ञानेश्वर, सोपानदेव, नरहरी सुनार, मुक्ताबाई, एवं कई संत पंढरपुर से उत्तर भारत की यात्रा करते समय बारसा आए थे। यहाँ नामदेव एवं भक्त मण्डली जगमोहन जी के मन्दिर में कीर्तन कर रहे थे तब ब्राहमणों ने नामदेवजी को अछुत समझ कर अपमानित कर मन्दिर के पीछे निकल दिया था। भगवान कृष्ण ने अपने प्रिय भक्त के अपमान से दुखी हो पुरे मन्दिर को ही पूर्व से पश्चिम की ओर घुमा दिया था। जहाँ उनके प्रिय भक्त नामदेव बैठे थे।
यह स्थान उत्तर - पश्चिम रेल मार्ग पर मारवाड़ जंक्शन स्टेशन से पश्चिम-दक्षिण दिशा की ओर सड़क मार्ग पर 9 किमी दूर बारसा में है. जहाँ संत नामदेव, ज्ञानेश्वर, सोपानदेव, नरहरी सुनार, मुक्ताबाई, एवं कई संत पंढरपुर से उत्तर भारत की यात्रा करते समय बारसा आए थे। यहाँ नामदेव एवं भक्त मण्डली जगमोहन जी के मन्दिर में कीर्तन कर रहे थे तब ब्राहमणों ने नामदेवजी को अछुत समझ कर अपमानित कर मन्दिर के पीछे निकल दिया था। भगवान कृष्ण ने अपने प्रिय भक्त के अपमान से दुखी हो पुरे मन्दिर को ही पूर्व से पश्चिम की ओर घुमा दिया था। जहाँ उनके प्रिय भक्त नामदेव बैठे थे।
It is interesting story of Barsa Dham.
ReplyDeletesachin is god gift for india
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